टाइगर टाइगर एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कृति है। लेखक खुशवंत सिंह की लंबी लेखन यात्रा में उनका यह एकमात्र नाटक है और हिन्दी में यह पहली बार स्वतंत्र पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जा रहा है। इस रोचक नाटक में उनकी जानी-पहचानी शैली पढ़ने को मिलती है जिसमें थोड़ा मनोरंजन, थोड़ा कटाक्ष, थोड़ी शराब और थोड़ा शबाब सभी का मिश्रण है जो पाठक को शुरू से अंत तक बांधे रखता है। एक संरक्षित जंगल के बीच आबादी से दूर एक होटल है जिसमें पर्यटक जंगली जानवर देखने आते हैं। विभिन्न देशों से आये अलग-अलग संस्कृति और मान्यताओं को मानने वाले पर्यटक, एक साथ जब इकट्ठे होते हैं तो समझो कि 'ग्रैंड ओल्ड मैन आॅफ़ इंडियन राइटिंग' खुशवंत सिंह के लिए एक चटपटी मसालेदार सामग्री तैयार है, जिससे बना रोचक नाटक, टाइगर टाइगर।